"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.
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Monday, November 30, 2015

जबसे बदल गयी है वफ़ा की सूरत

जो भी मिलता है दिल दुखाने को,
जाने क्या हो गया जमाने को,

के तर जब हो गया मेरा दामन,
तो शिद्दत हो गयी जमाने को,

बात-बात पर घर छोड़ने को कहता है,
कैसे रोकू मै दिल दीवाने को,

मायूश ही लौटे हैं उस दर से अभी तक,
चले जाते है फिर भी किस्मत आज़माने को,

जबसे बदल गयी है वफ़ा की सूरत,
करता ही नही दिल किसी से दिल लगाने को..!!

जालिम को फिर भी मुझपे ऐतवार नहीं

दिलाशाई तो बहुत हैं मददगार नही है,
यहाँ दोस्त तो बहुत हैं वफ़ादार नही हैं,

एक रोज बाज़ आयेंगे वो बेवफ़ाई से,
उम्मीदें तो बहुत पर आसार नही है,

शायद ही कोई होगा दुनिया में खुशनसीब,
ज़िसकी ज़िंदगी गमों से दो-चार नही है,

मेरी बेगुनही का हर अश्क गवाह है,
जालिम को फिर भी मुझपे ऐतवार नहीं है,

सारा दिन बड़ी मुस्किल से गया है मेरा,
शायद के आज मौसम ख़ुशगवार नही है..!!

रिश्ते - रिश्ते हैं कच्चे धागे नही

मेरे जज़्बे से खेलना ही था,
उन्हें इस दिल को तोड़ना ही था,

क्यूँ आई मेरी ज़िंदगी में तुम?
जब तुम्हे गैर का होना ही था,

क्यूँ मुझे प्यार का दिया धोखा?
जब मुझे तन्हा छोड़ना ही था,

रिश्ते - रिश्ते हैं कच्चे धागे नही,
टूटे रिश्तों को जोड़ना ही था,

बात कुछ ऐसी पूछ बैठे वो,
के हमें झूठ बोलना ही था..!!

Friday, August 14, 2015

आवारा इल्ज़ाम दिया है रह दिखाने वालों ने

आवारा इल्ज़ाम दिया है रह दिखाने वालों ने,
हमको तन्हा छोड़ दिया है साथ निभाने वालों ने..

कब से ढूंड रहा हूँ कोई नाम-ओ-निशाँ नही तेरा,
शायद कोई मज़ाक़ किया है पता बताने वालों ने..

कभी गलियों बाज़ारों में तो कभी छत पर चौपालों पर,
कितना वक़्त किया है जाया तेरे चाहने वालों ने..

कितनी शिद्दत से उनको दिल में बसाया हमने,
फिर भी ज़ख्मी किया है दिल को दिल में बसने वालों ने..

कुछ यादें उनकी भी जली हैं मेरे गर के साथ-साथ,
कितना अच्छा काम किया है आग लगाने वालों ने..

अफशोश अपनी मौत का हरगिज़ नही हमें,
हमको जहर पिलाया भी तो हमपे मरने वालों ने..!!

Thursday, August 6, 2015

साफ दिखती हैं दरारें अब दीवार-ए-इश्क़ में

बेवफा तो बेवफा है वो किसी का भी नही,
जो मेरा ना हो सका वो तेरा होगा..! जी नही,

क्या मिलेगा मुझसे वो अब इतनी रुसवाई के बाद,
वो भी सरमिंदा बहुत है मेरी रज़ा भी नही,

साफ दिखती हैं दरारें अब दीवार-ए-इश्क़ में
सामने शर्म-ओ-हया का कोई परदा भी नही,

ख़त्म हुआ सिलसिला अब छूटे सब फ़िक्र-ओ-ख़याल,
अच्छा हुआ के यार अब कोई वफ़ादारी नही,

थम गयी हो सांस जैसे इस क़दर गुम-सुम हुआ,
हाल मेरा पूछने अब कोई आता भी नही,

बुझ गयी शम्म-ए-तमन्ना मेरी दिल की ,
गम के अंधेरो मे नज़र आता हमें कुछ भी नही..!!

Saturday, February 28, 2015

मेरी ज़िन्दगी मुझे ये बता

मेरी ज़िन्दगी मुझे ये बता.....
मुझे भुला कर तुझे क्या मिला..?

मेरी हसरतों का हिसाब दे.....
दिल तोड़ कर तुझे क्या मिला..?

तेरे चार दिन के प्यार से.....
मुझे उम्र भर का ग़म मिला...!

मैं टूट कर बिखर गया.....
मुझे तोड़ कर तुझे क्या मिला..???

Saturday, February 21, 2015

वफ़ा की आग में जो खुद को जला देता

वफ़ा की आग में जो खुद को जला देता,
उस से  मोहह्बत का मैं रिश्ता निभा देता,

आज अगर उनकी गलियों में जाता तो,
उनकी यादों को आख़िर जवाब क्या देता,

खंज़र उतारती थी तन्हाई जिस दिल में,
अगर मुझे कहती हाँ, तो खुद को मिटा देता,

बंज़र पड़ी है मोहब्बत की धरती भी , यह जन्म,
काश चले जाने के बाद, उनको बुला लेते,

बेवफ़ा ने अगर एक मौका दिया होता,
ज़माने को भी मैं मोहब्बत सीखा देता…।। 

Saturday, January 31, 2015

मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी





मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले मे उसने मुझे खामोशी दे दी,

खुदा से दुआ माँगी मरने की,
लेकिन उसने भी तड़पने के लिए ज़िंदगी दे दी..!!

~♥♥~

मतलबी लडकी से अच्छी तो मेरी सिगरेट हे





“मतलबी लडकी से अच्छी तो मेरी सिगरेट हे
यारो……..

जो मेरे होठ से अपनी जिंदगी शुरू करती हे ओर
मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड देती हे…!”

~♥♥~

Saturday, January 24, 2015

Assi maut rok rakhi te tera intzaar kita






Assi maut rok rakhi te tera intzaar kita,
Sajjna tere jhuthe laareya da aitbaar kita,
Assi jaan den lageya ek pal vi na layeya,
Te tusin jaan len lageya vi nakhra hajaar kita..!!

~♥♥~

जाने क्यों वो मेरे खयालों में चले आते हैं



जाने क्यों वो मेरे खयालों में चले आते हैं,
रिसते हुए ज़ख्मों को कुरेदने चले आते हैं,
बामुश्किल भूला हूं मैं उनके दिये वो ग़म,
फिर भी जानें क्यों वो दर्द देने चले आते हैं,
अब नहीं बचा मोहब्बत के नाम पर कुछ,
फिर क्यों मन में तूफान उठाने चले आते हैं,
वादा किया था कोई रिश्ता नहीं शेष अब,
वो फिर भी क्यों मेरे ख्वाबों में चले आते हैं..!!

~♥♥~

प्यार की बातें, दिल से लगाना छोड़ दिया हमने


प्यार की बातें, दिल से लगाना छोड़ दिया हमने,
बहुत रो लिये, अब आंसू बहाना छोड़ दिया हमने,
बहुत बेवफाइयां झेली हैं इस दिल ने यारो,
हँसना ही क्या, अब तो मुस्कराना छोड़ दिया हमने,
अपनों के दिये ज़ख्मों से बेचैन है ये दिल,
उनके पहलू में, अब सर झुकाना छोड़ दिया हमने
सारी उम्र मुश्किलों से जूझते रहे रात दिन,
अब जमाने को, अपने ग़म बताना छोड़ दिया हमने,
तमाशबीन है ये दुनिया उसका क्या कहिये,
अब मदारी बन, उसे खेल दिखाना छोड़ दिया हमने..!!

~♥♥~

उम्र भर संभाली जो मोहब्बत की तानें


उम्र भर संभाली जो मोहब्बत की तानें,
कब टूट जाएं ये किसको पता है...
मोहब्बत की राहों में वफ़ाओं के साये,
कब छूट जाएं ये किसको पता है...
मद भरी आँखों में आते हसीन सपने,
कब टूट जाएं ये किसको पता है...
है जीवन की नैया अब भंवर के हवाले,
कब डूब जाएं ये किसको पता है...
अपनों को रखिये अपने दिल से लगा के,
कब रूठ जाएं ये किसको पता है...!!

~♥♥~

मुस्कान तो देखी मगर, दिल का बबंडर नहीं देखा


मुस्कान तो देखी मगर, दिल का बबंडर नहीं देखा,
चेहरे की चमक देखी, पर मन के अंदर नहीं देखा,
खुशियों के नज़ारे देखते रहे ज़िंदगी भर,
पर कभी दर्द से मरने वालों का, मंज़र नहीं देखा,
शीशे के महल तो बनवा लिये शौक से,
पर कब टकरा कर तोड़ दे, वो पत्थर नहीं देखा,
अपनों से बिछड़ने का दर्द वो क्या जानेँ,
जिसने ज़िंदगी में अपनों से, मिल कर नहीं देखा,
वाह! औरों में ढूढता फिरता हैं कमियां वो,
जिसने अपना गिरेवां, कभी झाँक कर नहीं देखा..!!

~♥♥~

Teri ditti saugaat aje vi sambhaal ke rakhi aa






Teri ditti saugaat aje vi sambhaal ke rakhi aa,
kaali gaani motian di gal ch paa k rakhi aa,
Dil v sambhaal lya, te pyaar v apna,
bass yaad teri, khilaar k rakhi aa,
jande jande de gya c, saugaat jo hanjuan di,
oh v naina ch saza k rakhi aa..!!

~♥♥~

O nazran nazran vich menu

O nazran nazran vich menu,
sabh kuch kehna chounda c,
kinna karda hai pyar oh menu,
chup reh k khamoshi naal,
dilon jatouna chounda c,
langhda c jad kolon mere,
main nivi paa sharmoundi c,
kiven sambhalan dil apne nu,
eh samajh na aoundi c,
oh heere heere keh menu,
apni banouna chounda c,
mitha jiha muska k oh,
dil nu bharmouna chounda c,
bhar k pyar naina ch,
oh bohta pyar jatounda c,
anjaan c oh ta dil mere ton,
even hi ghabrounda c,
dil mera v ta ohde hatthon ,
khud nu lutauna chounda c..!!

~♥♥~

Friday, October 31, 2014

Koi Naraz Hai Hum Se







Koi Naraz Hai Hum Se Ke Hum Kuch Likhte Nahi,
  Kaha Se Laye Lafz Jab Wo Milte Nahi,

Dard Ki Zuban Hoti To Bata Dete,
  Wo Zakhm Kese Bataye Jo Dikhte Nahi...!!
 ~♥♥~

Aansu aa jate hai ankho me rone se pehle





Aansu aa jate hai ankho me rone se pehle,
  Har khwab toot jata hai sone se pehle.

Ishq hai gunah ye to samajh
gaye,
  Kash koi rok leta hone se pehle...!!

 ~♥♥~

Tuesday, October 28, 2014

Sahil ko kishti aur kinaro ne loota








Chaman ko chaman ki baharo ne loota,
sahil ko kishti aur kinaro ne loota,
aap tho ek hi kasam se dar gaye,
hume tho aapki kasam deke hazaro ne loota…!

~♥♥~

Unki har mulaqaat se dar lagta hai




Baat Din ki nahi, Ab raat se dar lagta hai
Ghar hai kachha mera, Barsat se dar lagta hai

Tere tohfay ne to bas khoon ke aansoo hi diye
Zindagi ab teri soghat se dar lagta hai

Pyar ko chhor kar tum koi aur baat karo
Ab mujhay pyar ki har baat se dar lagta hai

Meri khatir na woh badnaam kahin ho jaye
Iss liye unki har mulaqaat se dar lagta hai…!

~♥♥~