"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.
Showing posts with label Dil-e-jazbaat. Show all posts
Showing posts with label Dil-e-jazbaat. Show all posts

Monday, November 30, 2015

दर्द कहता है सहने वालों से

इश्क़ वालों की उम्र हो लंबी,
हुस्न वालों की उम्र हो लंबी,

जागने वालों को सबकी खबर है,
सोने वालों की उम्र हो लंबी,

ज़ीने वाले परेशां ज़िंदगी से,
मरने वालों की उम्र हो लंबी,

झोलियों वाले भटकते ही फिरें,
भरने वालों की उम्र हो लंबी,

मुफ़लिसी बोझ है जहाँ के लिए,
महलों वालों की उम्र हो लंबी,

दुआ करती है मयकदे की रौनक,
पीने वालों की उम्र हो लंबी,

जाने वालों का हो खुदा हाफ़िज़,
आने वालों की उम्र हो लंबी,

खुदा करे ठगे हुओं का भला,
ठगने वालों की उम्र हो लंबी,

दर्द कहता है सहने वालों से,
देने वालों की उम्र हो लंबी..!!

Tuesday, August 4, 2015

हमें भी हक़ है, अपना वक़्त बिताने का


हमें भी हक़ है, अपना वक़्त बिताने का,
खुले गगन में बाहें फैलाये, पँछी सा उड़ जाने का,
आरज़ू-ए-आफ़ताब सा, आसमां में बिखर जाने का,
तमना-ए-झील का, समंदर में मिल जाने का,
बुनियाद से परे, अपनी पहचान समंदर सा बनाने का,
फूलों सा मुस्कुराना कभी पहाड़ों सा अड़ जाने का,
अंजानी सी राहों में आकर, अपना मुक़ाम बनाने का,
दुनिया से दूर, अपने ख़ाबों का शहर बसने,
मत रोक अड़िग मन मुझको.... 
मुझे हक़ है अपने ख्वाबों को आज़माने का,
अपने सपनों का शीश महल, अपने जज़्बातों से सजाने का..!!

_रमेश 

Tuesday, July 7, 2015

Tu Naam-E-Rehmat He, Khud Ko Numaya Na Kar





Tu Naam-E-Rehmat He, Khud Ko Numaya Na Kar,
Tere Qadmo Me Hogi Jannat, Dar-E-Ghair Jaya Na Kar,
Naseeb Ban Kar Kisi Ka, Ghar Sanwarna He Tujhko...
He Huqam Tujh Par, Be Parda Ksi Or Nazar Me Samaya Na Kar,
Haya Ke Zewar Nahi Milte Bazaaro Me Aye Bint-E-Hawa...
Tu Khazaana-E-Izzat He, Khud Ko Yun Zaya Na Kar !!

Thursday, June 11, 2015

अगर सच है तो फिर बात मुकम्मल कर दे






एक पहाड़े सा मेरी उँगलियों पे ठहरा है,
तेरी चुप्पी का सबब क्या है ? इसे हल कर दे...!
ये फ़क़त लफ़्ज हैं तो रोक दे रस्ता इन का,
और अगर सच है तो फिर बात मुकम्मल कर दे..!!

Tuesday, June 9, 2015

क्या छोड़ोगे नए साल में ?


टी वी वाले पूछ रहे हैं ,
क्या छोड़ोगे नए साल में ?
उधर सुना है अमरीका में ,
ऐसा कुछ रिवाज़ है शायद ,
नए साल में खुद ही खुद कुछ
अपने में से कम करने का ,
मैं क्या छोडू समझ नहीं पाया हूँ अब तक ,
मुझ में क्या है सिवा तुम्हारे ?
और तुम्हें कम कर दूँ तो फिर
कहाँ बचूँगा नए साल में ???

मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा


मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा !
जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा !!

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा !
ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा !!

कौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक !
ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा !!

कोशिशें मुझको मिटाने की भले हों कामयाब !
मिटते-मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊँगा !!

शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गये !
सब यह रह जायेंगी मैं साथ क्या ले जाऊँगा !!

Saturday, January 31, 2015

रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा




रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा,
प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा !

थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा !!


~♥♥~

सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ






सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ..!
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली....!!

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली..!
कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली.............!!

~♥♥~

Saturday, January 24, 2015

कोई किसी के मन की पीड़ा नहीं देखता





कोई किसी के मन की पीड़ा नहीं देखता,
कोई किसी की फूटी तकदीर नहीं देखता,
औरों में कमियां ढूढ़ता है हर कोई मगर,
अपने दिल की मैली तस्वीर नहीं देखता..!!

~♥♥~

वक़्त गुज़र कर यूं चला गया

वक़्त गुज़र कर यूं चला गया,
हम बचपन के हल्ले भूल गये
जहाँ दौड़ दौड़ कर वचपन बीता,
हम वो गली मोहल्ले भूल गये
जिनके साथ ये बचपन गुज़रा,
हमतो उनके भी चेहरे भूल गये
जिस घर में मां की ममता पायी,
हम उस घर के मंज़र भूल गये
महलों की चमक में ऐसे खोये,
अपने मिट्टी के घरोंदे भूल गये
जिस मिट्टी में लोट कर बड़े हुए,
हम उसकी सोंधी खुश्बू भूल गये
भौतिक सुख में कुछ ऐसे डूबे,
हम कुदरत की छटाएं भूल गये
हम ऐसे बसे परदेस में आकर,
अपने घर के ही रस्ते भूल गये..!!

~♥♥~

दुनिया के मेले में खो गये सारे रिश्ते

दुनिया के मेले में खो गये सारे रिश्ते,
आज उनको संजोने को जी चाहता है
जो बेरुखी से तोड़े थे अपनों के दिल,
आज फिर से मिलाने को जी चाहता है
हम खूब झूठ बोले थे अपने आप से,
सिर्फ सच बोलने को अब जी चाहता है
यूं ही सपनों में हमारी सारी उम्र गुज़री,
अब हक़ीक़त में जीने को जी चाहता है
जो ख़्वाब देखे अपने ख़्वाबों में हमने,
आज उन्हें सच बनाने को जी चाहता है
यूं ही अंधेरों में बिता दी सारी उम्र हमने,
अब उजालों में उड़ने को जी चाहता है..!!

~♥♥~

मैं कभी किसी की राह में, कांटे नहीं बिछाता




मैं कभी किसी की राह में, कांटे नहीं बिछाता,
मैं किसी हमराह को, ग़लत राह नहीं दिखाता,
हर किसी को चलने का हक़ है राहों में,
अपनी खातिर किसी को, किनारे नहीं लगाता,
कोई दौड़ता है तो दौडे ये है उसका हुनर,
मैं कभी किसी के हुनर में, कमियां नहीं बताता,
जीने की कला होती है सबकी अलग अलग,
मैं किसी की ज़िंदगी में, अपने उसूल नहीं लगाता..!!

~♥♥~

जहाँ जुबां चुप रहती है, आंसू बयाँ कर जाते हैं






जहाँ जुबां चुप रहती है, आंसू बयाँ कर जाते हैं,
वो बहते बहते भी, दर्द ए दिल बयाँ कर जाते हैं,
इन आँसुओं की तकदीर भी अजीब है,
बहते हैं उनके लिये, जो दिल से दगा कर जाते हैं..!!

~♥♥~

Friday, October 31, 2014

Tanha Rehna To Sikh Liya Humne







Tanha Rehna To Sikh Liya Humne,
Per Khush Na Kabhi Reh Payenge,

Teri Duri To Phir Bhi Seh Leta Hai Ye Dil,
Per Teri Mohabbat Ke Bin Na Jee Payenge...!!

 ~♥♥~

Yaden aksar hoti hain satane ke liye







Yaden aksar hoti hain satane ke liye..
   Koi ruth jata hain phir maan jane ke liye,

Riste nibhana koi muskil toh nahi..
   Bas dilon mein pyar chahiye usey nibhane ke liye...!!

 ~♥♥~

Tuesday, October 28, 2014

Mere kuch jazbaat hai







Mere kuch jazbaat hai kahin khoye hue se,
Kaise kahun tumse wo jaise hai sharmaye hue se,
Par din aaj hai mohabbat ka, ab naa chup rahun,
Ye tera hi pyar hai, jaise hai baag chaman khile hue se…! ~♥♥~

Ye Bekarari Kyun Hai







Teri Tasweer Meri Ankhon Main Basi Kyun Hai,
Jidhar Dekho Bus Udhar Tu Hi Kyun Hai
Teri Yadoon Se Wabasta Meri Takdeer Hai,
Tujhe Naa Paaker meri Takdeer Roothi Kyun Hai,
Mujh Ko hai Khabar Asaan Nahin Tujhe Haasil Karma
Phir Bhi Ye Intizaar, Ye Bekarari Kyun Hai…! 

~♥♥~

Monday, October 27, 2014

तुझे कहने को तो बहूत कुछ है

तुझे कहने को तो बहूत कुछ है,
पर बताने को अल्फाज कहा से लाउ.… 
यु तो जीने की वजह बहूत है दुनिया मे,
प्यार तुझ से क्यों है क्या वजह बताऊ.…
जब से माना तुझे अपना .…
ना में अपना रहा न दिल अपना,
दिल को तुझ से दूर भी ले जाऊ तो कैसे उसे समजाऊ.…
मजबूरिया तो बहुत है जहाँ में जो तुज से प्यार करने से रोके,
पर इस दिल को कैसे मनाऊ.…
तू ही बता तुजे कैसे मे भूल जाऊ.….
कोई आसन सा तरीका जो हो पास तेरे ,
कह दे मुझे भी जो आसानी से मे भी जी पाउ..!~♥♥~ 

Thursday, August 14, 2014

खूबसूरती की परिभाषा

हर किसी को अपनी खूबसूरती पर घमण्ड होता है | मै आज आपको खूबसूरती की परिभाषा बताता हूँ






खूबसूरत है वो लब…… जिन पर,
दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए !!

खूबसूरत है …………वो दिल जो,
किसी के दुख मे शामिल हो जाए !!

खूबसूरत है………. वो जज़बात जो,
दूसरो की भावनाओं को समज जाए !!

खूबसूरत है…… वो एहसास जिस मे,
प्यार………. की मिठास हो जाए !!

खूबसूरत है…………. वो बातें जिनमे,
शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से,
कहानियाँ !!

खूबसूरत है………. वो आँखे जिनमे,
किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए !!

खूबसूरत है ………वो हाथ जो किसी के,
लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए !!

खूबसूरत है……….वो सोच जिस मैं,
किसी कि सारी…… ख़ुशी झुप जाए !

खूबसूरत है…………. …. वो दामन जो,
दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए !

खूबसूरत है…….वो आसूँ जो,
किसी और के गम मे बह जाए

कभी कम नहीं होती..!!

करो सोने के सौ टुकडे तो क़ीमत कम नहीं होती,
बुज़ुर्गों की दुआ लेने से इज्ज़त कभी कम नहीं होती.

जरूरतमंद को कभी देहलीज से ख़ाली ना लौटाओ,
भगवन के नाम पर देने से दौलत कम नहीं होती..

पकाई जाती है रोटी जो मेहनत के कमाई से,
हो जाए गर बासी तो भी लज्ज़त कम नहीं होती,

याद करते है अपनी हर मुसीबत में जिन्हें हम..
गुरु और प्रभु के सामने झुकने से गर्दन नीचे नहीं होती ♥♥♥..!!