सपने में भी हम तुमसे किये वादोंसे मुकर नहीं सकते,
हम खुद जल जायेंगे तुम्हारी रोशनी के लिए,
खाख होकर भी तुमसे रुसवाई नहीं कर सकते,
नजाने क्या सोचकर मिले है दो तक़दीर के मारे,
जी भी नहीं सकते जुदा होकर, न जुदाई में मर सकते,
कहते हो खुद को बादल, तो में जल की धारा हूँ,
साथ न होगा मेरा तो तुम भी बरस नहीं सकते,
हमने तो पल्को मे छुपा रखा है तुम्हे प्यार से साथी,
तुम्हे खोने के डरसे अब खुल के रो भी नहीं सकते,
तुमने चाहा तो लो छोड़ दिया हमने दस्तक देना दिल पर,
तुम्हे चोट लगे कभी ऐसा हम हरगिज़ नहीं कर सकते,
जब मिलना चाहो तो आवाज लगा देना हमको,
एक तेरी ही आवाज है जिसे हम अनसुना नहीं कर सकते । ~♥♥~