इससे धड़कन की कुछ तो बात बढ़ी होगी..!
नज़रे यु झुक जाये भी तो क्या.....
ख़ामोशी ने दिल की कुछ तो बात कही होगी ..!
न फेर यु नज़रे मुझसे इस कदर.....
वरना ख़त्म इन सांसों की रवानी होगी ..!
आज बेरुखी है जो तेरी आँखों में.....
कल इनसे रूसवाइयां होगी ..!
निकले है जो अश्क़ इन आँखों से.....
कुछ तो इनकी भी कहानी होगी..!
ये दर्द, ये बेबसी, ये तन्हाइयां मेरी.....
न जाने कब ख़त्म ये दिवानगी होगी..!