मैं कभी किसी की राह में, कांटे नहीं बिछाता,
मैं किसी हमराह को, ग़लत राह नहीं दिखाता,
हर किसी को चलने का हक़ है राहों में,
अपनी खातिर किसी को, किनारे नहीं लगाता,
कोई दौड़ता है तो दौडे ये है उसका हुनर,
मैं कभी किसी के हुनर में, कमियां नहीं बताता,
जीने की कला होती है सबकी अलग अलग,
मैं किसी की ज़िंदगी में, अपने उसूल नहीं लगाता..!!
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