जाने क्या छूटा है जिसका मलाल रहता है,
आज कल दिल बड़ा परेशां हाल रहता है,
क्यूँ मै देता हूँ तुझपे इतनी तबज्जोह आख़िर?
हर घड़ी बस तेरा फ़िक्र-ओ-ख़याल रहता है,
तेरी आगोश में ही मिलता है सुकून मुझे,
तुझे ना देखूं तो ये दिल बेहाल रहता है,
लोग दीवाने हैं, आशिक़ हैं और मुंतज़ीर हैं,
जब तलक हुस्न पे रंग-ओ-जमाल रहता है,
ये मायूशी ये तन्हापन हर घड़ी बेकरारी,
या यूँ कहिए के अब जीना मुहाल रहता है..!!