सितारे आसमाँ पर कम ना होंगे,
देखने वालों में पर हम ना होंगे,
लिल्लाह तेरा हुस्न ये तेरी अदयें,
चाहने वालों में पर हम ना होंगे,
तुम्हारी शान में फिर कौन कहेगा,
हुजूर सोचिए गर हम ना होंगे,
कल भी भटकेंगे आप जैसे लोग,
मगर इन रास्तों पर हम ना होंगे,
फूल होंगे बाहर भी होगी,
खुश्बुओं में वो तर मौसम ना होंगे..!!