"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.

Monday, October 19, 2015

सिलसिला साँसों का चलता तो रहा

बबाल-ए-जाँ है आदमी के लिए,
इश्क़ आसाँ नही किसी के लिए,

कभी अपने कभी किसी के लिए,
कितना तरसे हैं हम खुशी के लिए,

यही दस्तूर है जमाने का,
कोई रुकता नही किसी के लिए,

सिलसिला साँसों का चलता तो रहा,
फिर भी तरसे है ज़िंदगी के लिए,

मेरे अश्कों में है खुशी उसकी,
यूँ भी रोते हैं हम किसी के लिए,

हौसला भी तो कर नही सकता,
क्या कहूँ अपनी बेवशी के लिए,

ये फक़त तेरी ही तनक़ीद नही,
मेरे अश्-आर है सभी के लिए,

मोहब्बत उसके बस की बात नही,
ना वो अच्छा है दोस्ती के लिए,

जिसने छोड़ा है तन्हा,
राह तकते हैं फिर उसीके लिए.!!