वो अच्छा होके भी बुरा सा है,
उससे जब राब्ता हो तो जानो..
यूँ तो लगता ही वो भला सा है,
जो मेरा दिल-ओ-जान बन गया है..
मुझसे कहता है वास्ता क्या है,
हाल-ए-दिल आज उनसे कह भी दो..
हाँ मौसम आज आशिक़ाना सा है,
यूँ तो शाख से टूटे पत्ता,
सोचो तो कोई हादसा सा है,
मौत से बच भी तो नही सकता..
क्यूँ मेरा जीना बेवजह सा है..!!