खुद को मेरे करीब आने दो,
कर भी दो आज इज़हार-ए-मोहब्बत,
अब तो दिल को सुकून आने दो,
अभी कमसिन है वो नादां सा है,
अभी उसपर शबाब आने दो,
खुद निकल आएगी मिलने की सूरत,
उनके दिल तक तो पहुँच जाने दो,
संभल जायेंगे आवारा कदम भी,
एक-दो ठोकरें तो खाने दो,
हम बिछा देंगे फर्श पर खुद को,
अर्श को बिज़लियाँ गिराने दो..!!