जबसे उनकी दोस्ती ना रही
ज़िंदगी जैसे ज़िंदगी ना रही
क्यूँ मेरे दिल में वो खुशी ना रही,
शाम भी है तेरा ख़याल भी है,
हमें जो तेरी आस थी ना रही,
बदला-बदला सा है शमां सारा,
अब वो पहली सी बात भी ना रही,
अच्छा हुआ टूट गया मेरा भरम,
अब कोई झूठी तसल्ली ना रही,
जबसे ठोकर लगाई ज़िंदगी ने,
अपने हिस्से की मौत भी ना रही,
तुझको चलना है तन्हा,
तेरी किस्मत में रहबरी ना रही..!!