"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.

Friday, August 14, 2015

कोई है जो मुझे फिर भी बिखरने नही देता

हालत-ए-ख़ुदकुशी में भी मरने नही देता,
कोई है जो मुझे ये गुनाह करने नही देता,

कितनी है मुझे आपसे नाराज़गी फिर भी,
कोई है जो मुझे आपसे लड़ने नहीं देता,

आए दिन टूट-ता रहता हूँ मैं ,
कोई है जो मुझे फिर भी बिखरने नही देता,

मेरे लिए कई और भी दरबाजे खुले हैं,
कोई है जो मुझे दर-व-दर फिरने नही देता,

वही दिलकशी अब भी है तेरे हुस्न में मगर,
कोई है जो तेरी आरज़ू करने नही देता,

कई जख्म हैं ऐसे जो दम निकाल रहे हैं,
कोई है जो फिर भी आह तक भरने नही देता,

मुझको मालूम है के तू बेवफा है,
कोई है जो फिर भी तुझको भुलाने नही देता..!!