ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास न बैठा..
आज सब मेरे पास बैठें जा रहे थे...
कोई तोहफा न मिला आज तक मुझे और..
आज फूल ही फूल दिए जा रहे थे...
तरस गए हम किसी के एक हाथ के लिए..
और आज कंधे पे कंधे दिए जा रहे थे...
दो कदम साथ न चलने को तैयार था कोई..
और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे...
आज पता चला मुझे की मौत कितनी हसीन होती है..
कमबख्त …..हम तो यूहीं जिंदगी जीये जा रहे थे…!!