राह-ए-ज़िंदगी पे इस तरह बढ़ना सीखो,
बा मोहब्बत ज़िंदगी का मज़ा लो यारो,
ज़माने से नही हालात से लड़ना सीखो,
तोड़ दो ज़ंजीरें वफ़ादारी की सभी,
बेवाक परिंदों की तरह उड़ना सीखो,
अदाकारी भी हो सकती है चेहरो की बनावट,
चेहरे को नही निगाहों को पढ़ना सीखो,
मार डालेगी दुआ इन ज़ालिमों की,
बुरे लोगों की मेहरबानी से बचना सीखो..!