दर्द एक पल को दिल का ये सोता नही,
खुदारा ये मुस्किल है कैसी बता,
क्यूँ कहीं दिल ये मेरा बहलता नही,
ना काम आ रही है कोई भी दवा,
असर भी दुआओं का होता नही,
खामोशी भी मुझसे करती हैं शिकायत,
कभी हंसता नही कभी रोता नही,
हाय किससे कहूँ, हाय कैसे कहूँ,
अब तो कुछ भी बयाँ मुझसे होता नही,
तुम्हें दिल दूं या अपनी तमन्ना कहो,
मेरे पास और कोई भी तोहफा नही..!!