तोड़कर दिल यूँ तेरा मुस्कुराना,
जान ले लेगा तेरा आज़माना,
मुझे यूँ भी ना बहकाओ के कभी,
लगे बहाना तेरा डूब जाना,
झूठी बातें ना बनाओ हमसे,
सब जानते हैं सच है या फसाना,
माहौल से ना बनी जब मेरी,
बदल दिया मैने अपना ठिकाना,
गर्द-ए-गर्दिश-ए-दौरा में आख़िर,
पड़ गया फ़ीक़ा रंग-ए-हुस्न-ए-जाना..!!