"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.

Wednesday, July 29, 2015

परदा पड़ा हुआ था हमारी निगाह पर

शबनम को भी हमेशा बरसात ही समझा,
हमने तो इशारों को भी बात ही समझा,

हाँ तुझसे गुफ्तगू की खाहिश तो बहुत थी,
पर दीदार को भी मैने मुलाकात ही समझा,

इत्तेफ़ाक़न राह में मिलते थे वो अक्सर,
इसको भी मुक़द्दर की सौगात ही समझा,

चाहत में तुम्हारी मै खुद को भूल गया था,
ठुकरा दिया तुमने तो औकात भी समझा,

परदा पड़ा हुआ था हमारी निगाह पर,
अंधेरे को भी हमने तो रात ही समझा ।।