थमी-थमी सी ये हवा क्यूँ है ?
सूना-सूना सा हर लम्हा क्यूँ है ?
मै अगर खुश नही हालत से तो,
दुनिया में अच्छे लोग भी तो ज़िंदा हैं,
फिर कोई आदमी बुरा क्यूँ है ?
हुआ जो वो बेवफ़ा तो समझ न आया,
बेवफा है तो बेवफा क्यूँ है ?
कम्बख़त इश्क़ जैसा रोग हमें,
गर हुआ तो फिर हुआ क्यूँ है ?
करके मदहोश छोड़ देती है,
निगाह-ए-यार में नशा क्यूँ है ?
दिल ही टूटा है आख़िर,
ज़रा सी बात पर हैरान क्यूँ है ?