कह दो हमको मोहब्बत किसी से नही,
हम जमाने के सुलूक से तंग हैं,
हमें शिकवा किसी शख़्स से नही,
बस हमारा ही दिल भर गया प्यार से,
हमें कोई गिला आशिक़ी से नही,
ये वफ़ादारी भी कितनी बुरी चीज़ है,
कहना सुनना भी जिसमें किसी से नही,
हम अपने उसूलों से मजबूर हैं,
हमें एतराज़ तेरी दोस्ती से नही..!!