मिल जाए गर वो राह में यक़लख्त कहीं पर,
धड़कन कहीं होती है और नब्ज़ कहीं पर,
इस बात की तो दिल या निगाहों को है खबर,
वो चेहरा कहीं होता है और अक्स कहीं पर,
पहुँचेगा कोई कैसे अपने मकाम तक,
वादा कहीं का होता है और वस्ल कहीं पर,
बातें ज़ुबाँ से बेहतर कहती हैं निगाहें,
मतलब कहीं होता है और लफ्ज़ कहीं पर,
जब तक है दम चलते रहो बस यूँ ही
ये वक़्त की फ़ितरत नही रुक जाए कहीं पर..!!