तेरे दिल में मेरा घर है, मेरे दिल में तेरा घर,
तेरी नींदें मेरी शब हैं , मेरा सपने तेरी सहर,
डूब गया में तेरे प्यार में सर से पाँव तलक,
समा गये हम एक दूजे में, मै पानी हूँ तू सागर,
अब ना होंगी तन्हा राहें साथ चलेंगे कदम-कदम,
बने हमसफ़र अब हम दोनो एक ही मंज़िल एक सफ़र,
छोड़ दिया जग मैने सारा, तेरा दामन थाम लिया,
जहाँ भी चाहे ले चल अब, जो तेरा घर वो मेरा घर,
हो गये तुझपे कुर्बान हम तो सब कुछ हार गये,
चाहे काट या गले लगा ले झुका है तेरे आगे सर,
बस इतना ही याद के उनके पहलू में शब गुज़री,
पर ये नही मालूम हमें हम कब सोए कब हुई सहर..!!