कैसे दिल को समझाऊं मैं ?
तुझे किस तरह से भुलाऊँ मै ?
है इस क़दर अब बेवशी,
लगता है के मर जाऊं मै...
कहीं चैन है ना सुकून है,
कुछ तो बता कहाँ जाऊं मैं ?
कुछ हल तो दे इस दर्द का,
या ख़ुदकुशी कर जाऊं मै ?
मेरी ज़िंदगी तेरी आस है,
तुझे छोड़कर कहाँ जाऊं मै ???