ख़ामोश होंठो का अगर ईशारा मिल जाए,
इन दिलकस नग्मों का सहारा मिल जाए,
आपकी मस्त नज़रें बेकरार लगती है,
मुझे भी शायद कोई नज़ारा मिल जाये,
छू लूँ अगर मैं इन सुर्ख होठों को,
सर्द आहों को तपता सहारा मिल जाये,
ए ख़ुदा मन्नत अपनी हो जाये पूरी,'
अगर वो बिछड़ा हमें प्यार मिल जाये,
लहरों की चाहत है साहिल के दिल मे,
उसके दिल में इस दिल को एक किनारा मिल जाये,
ख़ामोश होंठो का अगर ईशारा मिल जाए,
इन दिलकस नग्मों का सहारा मिल जाए.…!!