"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.

Wednesday, July 29, 2015

कितना मुश्किल है खुद को समझा पाना

कितना मुश्किल है खुद को समझाना,
या अपने आप को समझ पाना !

हादसे की तरह ही लगता है,
टूटना दिल का या फिसल जाना !

कोई हैरत नही दस्तूर है ये,
वक़्त के साथ में बदल जाना !

यही है अपने मरासिम का गवाह,
देख मुझको तेरा संभाल जाना !

बयाँ करता है तेरी बेवशी को,
बदलके करवटें सिमट जाना !

बड़ा अफ़सोस पैदा करता है,
ज़ुबान से बात का निकल जाना !

मस्त घन कैसे भूल सकता हूँ,
करके वादा तेरा मुकर जाना !!