"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.

Saturday, January 24, 2015

उल्फ़त के मारों से, मेरी दास्तां मत कहना

उल्फ़त के मारों से, मेरी दास्तां मत कहना,
कभी तलबगारों से, मेरी दास्तां मत कहना,
कहीं निकल न जाएं उनकी आँखों से आंसू,
कभी भी अपनों से, मेरी दास्तां मत कहना,
मैं मोहब्बत और दोस्ती का कायल हूं यारो,
कभी भी दुश्मनों से, मेरी दास्तां मत कहना,
बस ये अंधेरा ही मेरा मुकद्दर है अब तो,
कभी भी रोशनी से, मेरी दास्तां मत कहना,
कहीं मेरे दर्द से न बिखर जाएँ वो भी,
इन हसीन वादियों से, मेरी दास्तां मत कहना,
हम तो निकल जायेंगे लम्बे सफ़र पर यारो,
कभी भी इन राहों से, मेरी दास्तां मत कहना..!!

~♥♥~