"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.

Wednesday, July 2, 2014

तुम्हारी चाहतों में मुस्कुराया तो गजल कह दी

तुम्हारी चाहतों में मुस्कुराया तो गजल कह दी,
तुम्हारी याद में आँसू बहाया तो गजल कह दी..

जमाने की बहुत पाबंदियाँ हैं प्यार पर यारों,
इन्हीं पाबंदियों में कसमसाया तो गजल कह दी..

तुम्हारी आँख में चंचल शराबों की सी मस्ती है,
इन्हें पीकर के जो मैं लडखडाया तो गजल कह दी..

मेरे हर ख्वाब,मेरे हर ख्यालों में बसे हो तुम,
कि जब ख्वाबों में जाकर गुनगुनाया तो गजल कह दी..

भुलाये से न भूलेगा,तुम्हारे प्यार का मौसम,
कि इस मौसम ने दिल को गुदगुदाया,तो गजल कह दी..

तुम्हें फिर याद कर-कर के कि बरबस मेरी आँखों में,
समन्दर अश्क का जब डबडबाया,तो गजल कह दी ♥♥♥..!!

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