"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.

Thursday, May 28, 2015

वो हो गयी किसी और की तेरे साथ छोड़ कर,

मेरे यार तू क्यों नही समझ रहा,
उस बेवफ़ा का भूत तुझ से क्यों नही उतर रहा ।।

वो हो गयी किसी और की तेरे साथ छोड़ कर,
एक तू है जो अब तक इश्क़ के जाल में उलझा रहा ।।
वो खुश है अपनी दुनिया में तेरी कद्र छोड़ कर,
तू अब भी उसके याद में रात भर रोता रहा ।।

क्या मिल जायेगा तुझे यु खुद को जला कर,
क्यों यू तू खुद को पैमानों में डुबोता रहा ।।

तू अब भी उसके एक झलक का तलबगार है,
वो मसरूफ़ हो अपनी ज़िन्दगी से तुझे धोता रहा ।।

सुन मेरी बात बदल दे ये दिल और उसकी धड़कन,
जो हर घडी तुझे उसकी यादो से जोड़ता रहा ।।

वाक़िब हु अशां नही इतना उसको भुला देना,
पर क्या करेगा इस दिल का जो टूट-टूट कर बिखरता रहा ।।

उठ निकल इस इश्क़ के दल-दल से............
ये इश्क़ इस दुनिया में किसी काम का ना रहा ।।

याद करेगा इस यार को जब ख़ुद की नज़रो में गिर जायेगा
एक में ही था जो हर लम्हां तुजे समझाता रहा ।।

~Abhishek~