"Kuch Jazbaat" can say everything in its own beautiful way and connected somewhere us to our heart with our deep emotions. It's express our Feeling, Love, Affection, Care, Sorrow and Pain.

Friday, February 13, 2015

जो शिकायत आँसुओ की उनसे कर दोगे






मंज़िलों से लौट अाने को नही कहता,
और तुमसे सर झुकाने को नही कहता,
एक ही उपवान इनको मत समझना,
हजारो अर्थ लेकर आंसुओ की बूंद है गिरती ।।


ये मेरे आंशु नही, यादें उन्हीं की है,
दूरियों की धूप में आज पिघली है,
रोकते क्यों हो लबो तक तो पहुँचने दो,
चुम लूँ इनको अतः आँखों से निकली है ।।


जो शिकायत आँसुओ की उनसे कर दोगे,
बह निकलने से मुझे मज़बूर कर दोगे,
खार यादें भी नहीं मैं चूम पाऊँगा,
छिन गया जो यह सहारा जी न पाउँगा।।


इसलिए इस बार उनको लौट आने दों ,
लछ्य पर बढ़ कर स्वयं को तौल आने दों,
आ गए जो आरती उनकी उतारूँगा,
आँसुओं के अर्थ सारे फिर बता दूंगा ।।

(KJ00001)