आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ,
वो नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ,
एक क़तरा हूँ मुझे ऐसी सिफ़त दे मौला,
कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊँ....!
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गुमान न कर अपनी खुश-नसीबी का,
खुदा ने गर चाहा .........
तो तुझे भी इश्क होगा....!!
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“तू अचानक मिल गई तो कैसे पहचानुंगा मैं,
ऐ खुशी.. तू अपनी एक तस्वीर भेज दे….!!!!
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